Get your children together and recall with them all the interesting things that happened in your class and school in 2010: maybe the new hand-pump was installed, a reading corner began functioning, a favourite teacher left to join another school, a bird made a nest in the building, someone visited, tests were conducted, someone got injured, two people who were not on speaking terms began talking again, a hand-washing campaign took place, and a hundred other things happened.
Recall these and discuss the best ways to represent them on chart papers - with a bird's feather, a journal entry, a newspaper style report, a child's drawing, even a photograph. Use these and other ways to capture what happened in the months of 2010! If you do make such a chart send me a photo to display in this blog.
Later (in 2011), of course, you can do so many more things with these charts...
बच्चों के साथ मिल कर २०१० का स्थानीय केलेंडर बनाएं - चित्रों और डायरी लेखन के सहारे बीते साल की यादें पकड़ें
बच्चों को साथ बिठाएं और याद करें कि पिछले साल के दौरान कक्षा और स्कूल में क्या-क्या हुआ, ख़ास तौर पर मजेदार और याद रखने लायक बातें. जैसे कि नए हैण्ड-पम्प का लगना, आपके रीडिंग कॉर्नर का शुरू होना, किसी प्रिय शिक्षक का तबादला, किसी चिड़िया का बिल्डिंग में घोंसला बनाना, किसी याद रहने वाले व्यक्ति का स्कूल आना, टेस्ट या परीक्षाएं, किसी को चोट लगी, दो लोग जो एक दूसरे से बात नहीं करते थे फिर से दोस्त बन गए, हाथ धोने का अभियान चला, और सैकड़ों अन्य बातें हुईं.
इन सब को याद करें और तय करें इन्हें चार्ट पेपर पर कैसे दर्शाएंगे. चिड़िया का पंख, एक डायरी एंट्री, अखबार टाइप की रिपोर्ट, बच्चों द्वारा बनाये चित्र, कोई फोटोग्राफ... इन सब और अन्य तरीकों का उपयोग करें और दर्शाएँ कि क्या हुआ था २०१० में! और अगर आप ऐसा चार्ट बनाते हैं तो मुझे उसका फोटो ज़रूर भेजें, इस ब्लॉग के लिए.
और बाद में (याने २०११ में) तो आप इन चार्टों से बहुत कुछ और कर ही सकते हैं...
for teachers, parents, and anyone interested in helping children learn - in English and Hindi
Friday, December 31, 2010
Thursday, December 30, 2010
परिवारजनों के बारे में प्रचलित कहानियां और उन पर अभिनय
हरेक परिवार में करीब एक दर्ज़न कहानियां होती हैं अलग-अलग सम्बन्धियों के बारे में. कोई किसे मेले में गुम गया था और मुश्किल से ढूंड लिया गया, किसी ने मधुमक्खी के छत्ते में बांस मार दिया था और खूब काटा गया, कोई बहुत भुल्लकड़ था... बच्चों से कहें कि वे सम्बन्धियों और पड़ोसियों से पूछें और अपनी प्रिय कहानियां पता करें .
ये कहानियां कई तरीकों से प्रस्तुत की जा सकती हैं - सीधे सुना कर या लिख कर या चित्रों के द्वारा. सबसे अच्छा होगा कि बच्चे उन पर अभिनय करें और कम से कम एक को लिख लिया जाए (बहुत छोटे बच्चों के लिए चित्र बनाना ही काफी होना चाहिए).
स्वाभाविक है कि इन कहानियों को बच्चों के पोर्टफोलियो में शामिल ज़रूर करें. (और छह महीनों के बाद आप क्या कर सकते हैं इनके साथ?)
Make jig-saws from leaves, old newspapers
- Take a leaf (preferably a recently fallen one). Tear into 5 pieces (or more). Ask a child (or a group) to put it together again. What age group would this be appropriate for?
- You can do the same with pictures in old newspapers, or even with news items that children are fond of reading (e.g. cricket scores).
- For still older children, you can use an old map (sometimes you get these in newspapers; otherwise, get it from a used geography exercise book).
- Don't forget to ask children how they piece things together, what they keep in mind as they look at the pieces. Also ask them, what would make it very difficult to solve a jig-saw - then get them to make difficult ones for each other.
- Let me know what else you can do with / for / around jig-saws!
- एक बड़ी सी पत्ती लें (तोड़ने की जगह हाल में गिरी हुई हो तो ज्यादा अच्छा होगा). उसे ५ या अधिक टुकड़ों में करें. अब एक बच्चे या बच्चों के छोटे समूह को दें और कहें टुकड़ों को जमा कर फिर से पत्ती की आकृति पूरी करें. किस उम्र के बच्चों के लिए ये ठीक होगा?
- यही काम आप पुराने अखबारों में चित्रों के साथ भी कर सकते हैं, या उन समाचारों के साथ भी जो बच्चों को पसंद आते हैं (जैसे क्रिकेट स्कोर).
- थोड़े और बड़े बच्चों के साथ आप पुराने नक्शों का उपयोग भी कर सकते हैं (कभी-कभी ये अख़बारों में मिलते हैं, नहीं तो किसे पुरानी भूगोल की अभ्यास पुस्तिका से मिल सकते हैं)
- बच्चों से ये पूछना ना भूलें कि उन्होंने टुकड़ों को जोड़ने का काम कैसे किया, टुकड़ों को देखते हुए वे किन बातों पर ध्यान दे रहे थे? ये भी पूछें, किस तरह का जिग-सा हल करना बहुत ही मुश्किल होगा - और फिर उन्हें एक दूसरे के लिए ऐसे ही मुश्किल वाले बनाने के लिए कहें.
- और बताएं कि जिग-सा के लिए औरे उनके ज़रिये और क्या-क्या किया जा सकता है?
Wednesday, December 29, 2010
Get children to find family stories and do role plays on them
In every family there's a dozen or so favourite story about some relative or the other. Someone who got lost in a fair and was found, someone who poked a bamboo into a bee hive and got stung, someone who was forgetful... Ask children to find their favourite family stories involving relatives - by asking at home or even the neighbourhood.
The stories can be shared in so many ways - simply narrated, or written or made into drawings. Better still, get children to do role plays on these and write at least one of them down (for very young children, drawings should suffice).
Naturally, don't forget to include these in the children's profiles too. (And what can you do with them, perhaps, six months later?)
The stories can be shared in so many ways - simply narrated, or written or made into drawings. Better still, get children to do role plays on these and write at least one of them down (for very young children, drawings should suffice).
Naturally, don't forget to include these in the children's profiles too. (And what can you do with them, perhaps, six months later?)
Tuesday, December 28, 2010
Get children to draw their family members, and include the drawings in their portfolios
Ask children to make drawings of their family members. Not just static drawings of someone simply standing around. Get them to talk about what people do - at home, at work, or during a celebration and so on. Then ask them to draw each family member. Young children love to draw and are not afraid to put pencil to paper - so it would be a good idea not to say things such as 'that is not a proper drawing'....
Children's drawings reveal the inner working of their minds. Ask them to talk about what they've drawn. Ask questions, get them to ask each other questions about the drawings. You might find out some very interesting things!
Don't forget to include some of these drawings in the children's portfolios. They reveal their world as well as the level at which they presently draw. A year later, you can ask them to draw their families again and note the difference.
बच्चों से कहें कि वे अपने परिवारजनों के चित्र बनायें - लेकिन सिर्फ मूर्ती की तरह खड़े हुए लोगों के चित्र नहीं! उन्हें परिवार के सदस्यों के बारे में बात करने के लिए मौके दें - क्या करते हैं वे सब - घर में, काम पर, किसे उत्सव में, वगैरह. फिर उन्हें हरेक सदस्य का चित्र बनने के लिए कहें. छोटे बच्चों को चित्र बनाना बहुत अच्छा लगता है और वे कागज़ पर पेंसिल चलाने से बिलकुल नहीं घबराते - इसलिए अच्छा होगा कि इस तरह की कोई बात ना कही जाए कि 'ये ठीक से नहीं बना है'.
बच्चों के चित्रों में उनके अंतर्मन की झलक मिलती है. उनसे अपने चित्रों के बारे में बोलने के लिए कहें, और एक दूसरे से सवाल पूछने के मौके भी दें. कुछ मजेदार चीज़ें पता लगेंगी आप को!
इन चित्रों को बच्चों के पोर्टफोलियो में शामिल करना ना भूलें. उनकी दुनिया के साथ-साथ ये उनके अभी के स्तर को भी दर्शाते हैं. एक साल बाद, आप उन्हीं फिर से अपने परिवारजनों के चित्र बनने कह सकते हैं और अंतर देख सकते हैं.
Children's drawings reveal the inner working of their minds. Ask them to talk about what they've drawn. Ask questions, get them to ask each other questions about the drawings. You might find out some very interesting things!
Don't forget to include some of these drawings in the children's portfolios. They reveal their world as well as the level at which they presently draw. A year later, you can ask them to draw their families again and note the difference.
बच्चों से कहें कि वे अपने परिवारजनों के चित्र बनायें - लेकिन सिर्फ मूर्ती की तरह खड़े हुए लोगों के चित्र नहीं! उन्हें परिवार के सदस्यों के बारे में बात करने के लिए मौके दें - क्या करते हैं वे सब - घर में, काम पर, किसे उत्सव में, वगैरह. फिर उन्हें हरेक सदस्य का चित्र बनने के लिए कहें. छोटे बच्चों को चित्र बनाना बहुत अच्छा लगता है और वे कागज़ पर पेंसिल चलाने से बिलकुल नहीं घबराते - इसलिए अच्छा होगा कि इस तरह की कोई बात ना कही जाए कि 'ये ठीक से नहीं बना है'.
बच्चों के चित्रों में उनके अंतर्मन की झलक मिलती है. उनसे अपने चित्रों के बारे में बोलने के लिए कहें, और एक दूसरे से सवाल पूछने के मौके भी दें. कुछ मजेदार चीज़ें पता लगेंगी आप को!
इन चित्रों को बच्चों के पोर्टफोलियो में शामिल करना ना भूलें. उनकी दुनिया के साथ-साथ ये उनके अभी के स्तर को भी दर्शाते हैं. एक साल बाद, आप उन्हीं फिर से अपने परिवारजनों के चित्र बनने कह सकते हैं और अंतर देख सकते हैं.
Monday, December 27, 2010
What information do you need in order to profile your children?
X-mas break is a good time to start on child profiles. What information will you need? Don't just start writing anything and everything, or you'll end up creating too much work for yourself.
To decide what to include, ask yourself: 'what information will help me take better decisions, especially about classroom processes?' The socio-economic background, the language used at home, the family occupation, some of the key experiences a child has, specific strengths and areas that need attention - these are obviously of use.
If you have a child profile format that you'd like to share, do forward it and I'll put it up on the blog for others to see and use.
बच्चों की प्रोफाइल रखने के लिए आप को क्या जानकारी चाहिए?
अभी छुट्टी के दिन इस काम को शुरू करने के लिए बिलकुल ठीक हैं. लेकिन हर तरह की जानकारी इकठ्ठा करने में अपना समय मत बर्बाद करें. ऐसे में तो आप अपना काम बहुत बढ़ा देंगे.
क्या शामिल करना चाहिए, ये पहचानने के लिए अपने आप से पूछें: 'कौन सी जानकारी मुझे बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी? ख़ास तौर पर कक्षा में होने वाली प्रक्रिया को लेकर. सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, घर में उपयोग की जाने वाली भाषा, परिवार का व्यवसाय, बच्चे के कुछ विशेष अनुभव, उसकी ताकतें और कहाँ उसे मदद चाहिए - ज़ाहिर है कि ये तो काम की बातें हैं ही.
अगर आप के पास बच्चों की प्रोफाइल रखने का अपना कोई फॉर्मेट है जो आप दूसरों के साथ बांटना चाहते हैं तो मुझे ज़रूर भेजें और मैं इस ब्लॉग में शामिल करूँगा ताकि औरों तक पहुंचे.
To decide what to include, ask yourself: 'what information will help me take better decisions, especially about classroom processes?' The socio-economic background, the language used at home, the family occupation, some of the key experiences a child has, specific strengths and areas that need attention - these are obviously of use.
If you have a child profile format that you'd like to share, do forward it and I'll put it up on the blog for others to see and use.
बच्चों की प्रोफाइल रखने के लिए आप को क्या जानकारी चाहिए?
अभी छुट्टी के दिन इस काम को शुरू करने के लिए बिलकुल ठीक हैं. लेकिन हर तरह की जानकारी इकठ्ठा करने में अपना समय मत बर्बाद करें. ऐसे में तो आप अपना काम बहुत बढ़ा देंगे.
क्या शामिल करना चाहिए, ये पहचानने के लिए अपने आप से पूछें: 'कौन सी जानकारी मुझे बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी? ख़ास तौर पर कक्षा में होने वाली प्रक्रिया को लेकर. सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, घर में उपयोग की जाने वाली भाषा, परिवार का व्यवसाय, बच्चे के कुछ विशेष अनुभव, उसकी ताकतें और कहाँ उसे मदद चाहिए - ज़ाहिर है कि ये तो काम की बातें हैं ही.
अगर आप के पास बच्चों की प्रोफाइल रखने का अपना कोई फॉर्मेट है जो आप दूसरों के साथ बांटना चाहते हैं तो मुझे ज़रूर भेजें और मैं इस ब्लॉग में शामिल करूँगा ताकि औरों तक पहुंचे.
Sunday, December 26, 2010
Are you sure you know each child well? Start keeping 'child profiles'!
It's difficult, isn't it, to know as well as to remember a hundred details about the 30 or so children in your class? Develop a small format to help you keep key details in one place. Later you can supplement this by maintaining files (or portfolios) for each child. It may seem like a lot of work in the beginning, but later on it will help you greatly. Believe me!
थोड़ा मुश्किल है ना, अपने तकरीबन ३० बच्चों के बारे में सैकड़ों बातें याद रखना? इसलिए बेहतर होगा कि हम एक छोटा सा फॉर्मेट बनाएं ताकि ज़रूरी बातें एक जगह रखी जा सकें. बाद में आप हरेक बच्चे के लिए अलग-अलग फाइलें या पोर्टफोलियो भी रख सकते हैं. शुरू-शुरू में अधिक बोझ लग सकता है, पर बाद में ये बहुत काम की चीज़ होगी, सच मानिए!
थोड़ा मुश्किल है ना, अपने तकरीबन ३० बच्चों के बारे में सैकड़ों बातें याद रखना? इसलिए बेहतर होगा कि हम एक छोटा सा फॉर्मेट बनाएं ताकि ज़रूरी बातें एक जगह रखी जा सकें. बाद में आप हरेक बच्चे के लिए अलग-अलग फाइलें या पोर्टफोलियो भी रख सकते हैं. शुरू-शुरू में अधिक बोझ लग सकता है, पर बाद में ये बहुत काम की चीज़ होगी, सच मानिए!
Saturday, December 25, 2010
1 - 25 Dec 2010
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